राजस्थान बोर्ड की कक्षा 12 के अनिवार्य हिंदी के पेपर मे लेखक / कवि परिचय से सम्बन्धित एक प्रश्न पूछा जाता है। इस पोस्ट में हम Jainendra kumar ka jeevan parichay लिखना सीखेंगे । लेखक या कवि का परिचय चार से पांच बिन्दुओं मे विभाजित करके लिखना चाहिए। जैसे सबसे पहले प्रारम्भिक जीवन या जीवन परिचय लिखना चाहिए दुसरे नंबर पर साहित्यिक परिचय लिखना चाहिए। फिर प्रमुख रचनाएँ लिखते है। प्रमुख रचनाओं को भी उप बिन्दुओं में विभाजित करके लिखना चाहिए। फिर पुरस्कार और सम्मान वाला बिंदु लिखना चाहिए और अंत में भाषा- शैली वाला बिंदु लिख देना चाहिए।
तो आइये Jainendra kumar ka jeevan parichay लिखते है।
जैनेद्र कुमार का परिचय
जैनेद्र कुमार का जीवन परिचय -Jainendra kumar ka jeevan parichay
जीवन परिचय -
हिंदी में प्रेमचंद के बाद सबसे महत्त्वपूर्ण कथाकार के रूप में प्रसिद्ध जैनेद्र कुमार का जन्म सन् 1905 ई. में अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश ) में हुआ था। गांधीजी के आह्वान पर अध्ययन छोड़कर असहयोग आन्दोलन में सक्रीय हुए।
साहित्यिक परिचय -
जैनेन्द्र कुमार जी ने उपन्यासों और कहानियों के माध्यम से हिंदी मे एक सशक्त मनोवैज्ञानिक कथा – धरा का प्रवर्तन किया। सरल और अनोपचारिक सी दिखने वाली शैली मे इन्होने समाज , राजनीती , अर्थनीति , दर्शन आदि से सम्बंधित गहन प्रश्नों को सुलझाने की कोशिश की है।
प्रमुख रचनाएँ -
(i) कहानी संग्रह -
वातायन , एक रात , दो चिड़ियाँ , फांसी, नीलम देश की राजकन्या , पाजेब आदि।
(ii) उपन्यास -
परख , सुनीता , त्यागपत्र , कल्याणी , अनाम स्वामी , मुक्तिबोध , जयवर्धन आदि।
(iii) निबंध संग्रह
प्रस्तुत प्रश्न , सोच – विचार , समय और हम , साहित्य का श्रेय और प्रेय अदि।
पुरस्कार और सम्मान -
इन्हे 1971 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। भारत -भारती सम्मान और साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित हुए।
निधन -
सन 1990 मे इनका निधन हो गया।
आशा है यदि परीक्षा में Jainendra kumar ka jeevan parichay पूछ लिया जायेगा तो आप आसानी से लिख देंगे।
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