ficher lekhan/ फीचर लेखन

इस पोस्ट में आप फीचर लेखन(ficher lekhan) के बारे में पढ़ेंगे। राजस्थान बोर्ड द्वारा आयोजित कक्षा 12 हिंदी अनिवार्य की बोर्ड परीक्षा में “अभिव्यक्ति और माध्यम” पुस्तक से 7 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं।इस पुस्तक में से पाठ्यक्रम में दो अध्याय शामिल है।

1 विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन-4अंक

2 फीचर/आलेख लेखन-3 अंक (ficher/alekh lekhan)

इस पोस्ट में हम दूसरे अध्याय में से फीचर लेखन(ficher lekhan) पढ़ेंगे।आलेख लेखन अगली पोस्ट में पढ़ेंगे। 

फीचर/आलेख लेखन(ficher/alekh lekhan) अध्याय में से 3 अंक का एक प्रश्न पूछा जाता है, जिसकी उत्तर सीमा 60 से 80 शब्द होती है। यह प्रश्न अथवा में आता हैं। अर्थात दो प्रश्न में से एक करना पड़ता है। इन दो प्रश्नों में से एक प्रश्न फीचर लेखन(ficher lekhan) से आता है और एक प्रश्न आलेख लेखन से आता है।

इस पोस्ट को पढ़कर आप परीक्षा में सर्वाधिक अंक लाने में सक्षम हो सकेंगे।

तो आइए फीचर लेखन(ficher lekhan) अच्छे से समझते है।

Ficher-Lekhan-

फीचर लेखन(ficher lekhan)

फीचर लेखन(ficher lekhan)

फीचर क्या है? Ficher kya hai?

फीचर (ficher) शब्द का अर्थ है_ चेहरा मोहरा। इसे हिंदी में रूपक भी कहते है। जब कोई लेखक किसी घटना को इस प्रकार सजीव और रोचक शैली में प्रस्तुत करता है कि उसका स्वरूप पूर्णतः स्पष्ट हो जाता है तो उसे फीचर(ficher) कहते हैं।फीचर(ficher) में किसी व्यक्ति,घटना,विषय इत्यादि का स्पष्ट तथा मनोरंजनपूर्ण शैली में लिखा गया वर्णन होता है। फीचर(ficher) का आरंभ आकर्षक,कलात्मक और उत्सुकतापूर्ण होता है।फीचर(ficher) में लेखक को अपनी व्यक्तिगत राय प्रकट करने का प्रयाप्त अवसर मिलता है।

फीचर के प्रकार(ficher ke prakar)

फीचर(ficher) लेखक की बुद्धि और कल्पना शक्ति पर निर्भर होता है।फीचर के कहीं प्रकार होते है_

1व्यक्तिगत फीचर 2 समाचारपरक फीचर 3 चित्रपरक फीचर 4 साक्षात्कार फीचर 5 खोज संबंधी फीचर 6 यात्रापरक फीचर 7 हास्य-व्यंग्यपरक फीचर 8 सांस्कृतिक फीचर 9 मौसमी फीचर 10 विज्ञानपरक फीचर

फीचर(ficher)की विशेषताएं

सत्यता या तथ्यात्मकता

फीचर के लिए सत्यता या तथ्यात्मकता का गुण आवश्यक है।

गंभीरता एवं रोचकता

फीचर में भावों और कल्पना के कारण रोचकता तो आ जाती है पर फीचर लेखक विषय के प्रति गंभीर भी होता है।

मौलिकता

जो फीचर अपनी मौलिकता के कारण अपनी पहचान बना पाने में सफल होता है, वहीं आदर्श फीचर माना जाता है।

संक्षिप्तता एवं पूर्णता

कम से कम शब्दों में गागर में सागर भरने की कला ही फीचर लेखन(ficher lekhan )की प्रमुख विशेषता है।

लालित्युक्त भाषा

फीचर की भाषा सहज,सरल और कलात्मक होनी चाहिए।

चित्रात्मकता

फीचर सीधी-सपाट शैली में न होकर चित्रात्मक होना चाहिए।

उपयुक्त शीर्षक

फीचर का शीर्षक ऐसा होना चाहिए जो फीचर के विषय,भाव या संवेदना का पूर्ण बोध करा पाने में सक्षम हो।

फीचर लेखन(ficher lekhan) के मुख्य तत्व

फीचर को समाचारपत्र की आत्मा और प्राण माना जाता है।अच्छे फीचर लेखन (ficher lekhan)के मुख्य तत्व निम्नलिखित हैं_

1सुंदर और आकर्षक शीर्षक के माध्यम से विषय के केंद्रीय भाव को व्यक्त करना

2 कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक जानकारी देना

3विषयवस्तु के प्रति पाठकों का ध्यान आकर्षित करना

3फीचर का आरंभ और अंत आकर्षक होना

4कल्पना के साथ साथ विषय का तथ्यपरक चित्रण करना

5भावना द्वारा रोचकता और सरसता का समावेश करना।

6 विषय वस्तु के क्रमबद्ध आरंभ,विकास और अंत में सरसता स्थापित करना

फीचर लिखते समय ध्यान रखने योग्य बाते

फीचर(ficher )लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए_

1 फीचर को सजीव बनाने के लिए विषय से संबंधित पत्रों की मौजूदगी जरूरी है।

2 फीचर में कथ्य को प्रयुक्त पत्रों के माध्यम से कहने का प्रयास करना चाहिए।

3 फीचर में विषयानुसार फोटो,रेखांकन,ग्राफिक्स आदि का समावेश होना चाहिए।

4 प्रस्तुतीकरण का अंदाज ऐसा होना चाहिए कि पाठक यह महसूस करें कि वे खुद देख सुन रहे हैं।

5 फीचर सूचनात्मक होने के साथ-साथ मनोरंजक भी होना चाहिए।

6 फीचर की भाषा और शब्दावली भावानुकूल होनी चाहिए।

फीचर लेखक के गुण

1 विशेषज्ञता–  फीचर लेखक जिस विषय को आधार बनाकर लेख लिख रहा है उस विषय में उसका अधिकार होना चाहिए।

2बहुज्ञता- फीचर लेखक को धर्म,दर्शन,संस्कृति,समाज,साहित्य,इतिहास आदि विविध विषयों की जानकारी होनी चाहिए।फीचर लेखक को बहुमुखी प्रतिभा का धनी होना चाहिए।

3  आत्मविश्वास-  फीचर लेखक को अपने ज्ञान और अनुभव पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए।

4 निष्पक्ष दृष्टि –  फीचर लेखक को अपने निर्णय या राय को उसपर आरोपित नहीं करना चाहिए।फीचर लेखक को किसी वाद या मत के प्रति अधिक पक्षधर नहीं होना चाहिए।

5  भाषा पर पूर्ण-  अधिकार-फीचर लेखक की भाषा माधुर्यपूर्ण और चित्रात्मक होनी चाहिए।

फीचर लेखन(ficher lekhan) की तैयारी

फीचर लेखन(ficher lekhan) से पहले लेखक को निम्नलिखित तैयारियां करनी पड़ती है_

1 विषय का चयन- फीचर लेखक को ऐसे विषय का चयन करना चाहिए जो रोचक और ज्ञानवर्धक होने के साथ-साथ उसकी अपनी रुचि का भी होना चाहिए।लेखक को विषय का चयन करते समय पाठक वर्ग की रुचि का ध्यान रखना चाहिए।

2 सामग्री संकलन-  फीचर के विषय का चयन करने के बाद फीचर लेखक का अगला महत्त्वपूर्ण कार्य है, उस विषय से संबंधित सामग्री का संकलन करना।इसके लिए वह उस विषय से संबंधित व्यक्तियों का साक्षात्कार भी ले सकता है, इससे फीचर अत्यंत प्रभावशाली बन जाएगा।

3 अंत या उपसंहार- फीचर का अंतिम भाग सारांश की तरह होता है।फीचर का समापन इस तरह से करना चाहिए कि वह पाठक की जिज्ञासा को शांत भी करे और उसे मानसिक रूप से तृप्ति भी प्रदान करें।फीचर के अंत को आकर्षक बनाने के लिए किसी प्रसिद्ध लेखक या कवि की पंक्तियों या विचारों का सहारा भी लिया जा सकता है। 

फीचर का महत्त्व

फीचर समाचार की तरह सत्य का साक्षात्कार तो कराता है साथ ही पाठकों का मनोरंजन भी करता है।फीचर लेखक प्रतिदिन घटने वाली विशिष्ट घटनाओं और सूचनाओं को केंद्र में रखकर उनपर गंभीर चिंतन करता है और फीचर के माध्यम से अपने गंभीर चिंतन की अभिव्यक्ति करता है। पाठक फीचर में अभिव्यक्त गंभीर चिंतन के माध्यम से सूचना तो प्राप्त करता ही है साथ में उसमें केंद्रित समस्या का समाधान खोजने के लिए भी बाध्य हो जाता है। फीचर लेखक सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रश्न उठाते है तथा उन प्रश्नों के उत्तर के रूप में समाज के सामने अनेक विचार प्रस्तुत करते है। 

फीचर और समाचार लेखन में अंतर

1 समाचार लेखन में तथ्यो पर आधारित विवरण होता है, जबकि फीचर में यह आवश्यक नहीं होता है।

2 समाचार लेखन में सूचना देना आवश्यक होता है, जबकि फीचर लेखन(ficher lekhan) में सूचना के साथ मनोरंजन भी जुड़ जाता है।

3 समाचार लेखन की भाषा सरल और जनता में प्रचलित तथा शैली विवरणात्मक होती है, जबकि फीचर की भाषा तथा शैली साहित्यिक होती है।

फीचर लेखन(ficher lekhan) के उदाहरण

‘शैक्षिक भ्रमण’ विषय पर फीचर लेखन(ficher lekhan)

विद्यालयों में शैक्षणिक भ्रमण का विशेष महत्व होता है। शैक्षणिक भ्रमण से व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त होता है। इसलिए विद्यालयों के विद्यार्थी अपने कक्षा अध्यापकों के मार्गदर्शन में भ्रमण करने जाते है,जहां उनको व्यावहारिक ज्ञान तो मिलता ही है साथ ही मनोरंजन भी होता है।इसके अलावा छात्रों में नायक बनने की क्षमता,समूह में रहने की प्रवृत्ति तथा आत्मविश्वास एवं भाईचारे की भावना का विकास भी होता है। शैक्षिक भ्रमण के लिए हमारी स्कूल के सभी छात्र रणथंभोर अभयारण्य में गये।वहां पर हमने शेर, नील गाय, हिरन,मोर, जंगली सूअर आदि पशु-पक्षी देखे। रणथंभोर का ऐतिहासिक किला राजस्थानी शौर्य और संस्कृति का प्रतीक है। यह भ्रमण हमारे लिए बहुत ही मजेदार,उत्साहजनक और ज्ञान वर्द्धक रहा।

आशा है आपको फीचर लेखन(ficher lekhan) अच्छे से समझ आ गया होगा। हिंदी में उत्तर लिखते समय रोमन लिपि में लिखे शब्दों को छोड़ दे।इसी तरह की अन्य पोस्ट पढ़ने के लिए हिंदी की पाठशाला के साथ बने रहे।

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