हिंदी की पाठशाला में आपका स्वागत हैं !
**हिंदी की पाठशाला** आपकी हिंदी विषय की पढ़ाई का सबसे भरोसेमंद साथी है, खासकर कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए, जो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाई कर रहे हैं। यहाँ हम हिंदी अनिवार्य और हिंदी साहित्य की अध्ययन सामग्री को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत करते हैं। हमारी वेबसाइट पर आपको न केवल विस्तृत अध्ययन सामग्री मिलेगी, बल्कि पढ़ाई और उत्तर लेखन के प्रभावी टिप्स भी मिलेंगे।
हमारा उद्देश्य है “आपकी हिंदी विषय की पढ़ाई को मजेदार और सरल बनाना, ताकि आप आत्म-विश्वास के साथ अपनी पढ़ाई में सर्वोच्चता प्राप्त कर सकें और बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सके।”
अपनी कक्षा का चयन करे !

Alekh lekhan/आलेख लेखन
लेख से पूर्व आ उपसर्ग जोड़ने पर आलेख(alekh) शब्द बनता है।
आलेख लेखन(alekh lekhan) के संबंध में ध्यान रखने योग्य प्रमुख बातें

ficher lekhan/ फीचर लेखन
कम से कम शब्दों में गागर में सागर भरने की कला ही फीचर लेखन(ficher lekhan )की प्रमुख विशेषता है। जब कोई लेखक किसी घटना को इस प्रकार सजीव और रोचक शैली में प्रस्तुत करता है कि उसका स्वरूप पूर्णतः स्पष्ट हो जाता है तो उसे फीचर(ficher) कहते हैं।

Hazari Prasad Dwivedi Ka Jeevan Parichay class12-हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय कक्षा 12
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म सन् 1907 ई. में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के आरत दूबे का छपरा गांव में हुआ था। आपने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की तथा गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के निमंत्रण पर शांति-निकेतन में हिंदी भवन के निदेशक के रूप में सेवाएं दी।

Firaq Gorakhpuri Ka Jivan Parichay-फ़िराक गोरखपुरी का जीवन परिचय
आधुनिक उर्दू गज़ल के रौशन सितारा माने जाने वाले फ़िराक गोरखपुरी का जन्म 28 अगस्त सन् 1896 ई. में गोरखपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था।इनका मूल नाम रघुपति सहाय ‘फ़िराक’ था। इनकी शिक्षा की शुरुआत रामकृष्ण की कहानियों से हुईं थी,

जैनेद्र कुमार का जीवन परिचय परिचय कक्षा 12-Jainendra kumar ka jeevan parichay
हिंदी में प्रेमचंद के बाद सबसे महत्त्वपूर्ण कथाकार के रूप में प्रसिद्ध जैनेद्र कुमार का जन्म सन् 1905 ई. में अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश ) में हुआ था। गांधीजी के आह्वान पर अध्ययन छोड़कर असहयोग आन्दोलन में सक्रीय हुए।

chapter11-bhaktin-summary/भक्तिन पाठ का सारांश
भक्तिन का कद छोटा और शरीर दुबला था, होंठ पतले थे और वह गले में कंठी-माला पहनती थी। उसका असली नाम लक्ष्मी था, लेकिन उसने लेखिका से इस नाम का प्रयोग न करने की प्रार्थना की।

R.S.GURJAR
व्याख्याता - हिंदी